|62| 01.06.2018 (Hindi)
हर सफर की कीमत में छिपी ख्वाहिशों की कुर्बानी है
गलियों की खाक हमने यूं ही नहीं छानी है
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गलियों की खाक हमने यूं ही नहीं छानी है
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